तेरे आंसू,मेरे आंसू
कुछ तो इनमे एका होगा!
जो यह बहते थे दिल से, तो
आखों ने उनको रोका होगा!
for a faster thought process!
अब जीवन मैं नवोदय हो,
उमंग का परिचय हो
जो निराकार हो चुके थे स्वप्ना,
अब उनसे परिणय हो!
प्रश्नावली के आखिरी प्रश्न,
का मुझ पर अब उत्तर हो!
संवादों की भूल भुलैयाँ मैं,
स्पश्टता का स्वर हो !
सोते हुए समय मैं,
कुछ बेचैनी पैदा हो,
ख्वावों मैं हो हलचल
अब जल्दी सुबह हो !
खो गए थे जो परिंदे,
मंज़िल उन्हें पता हो,
हवा के रुख मैं, हो दिशा
बस आशा ही आशा हो !
In this era of AI, it's a job for us to remain updated, or else we are outdated.
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भारत सिर्फ एक देश नहीं,
गणतंत्र मैं बंधा परिवेश नहीं।
यह मानवता की मातृभूमि,
यहाँ रंग अनेक, पर द्वेष नहीं!
विज्ञान यहाँ, संज्ञान लिया,
गणित को शुन्य यहीं मिला,
सौर को हमने जाना तब,
जब विश्व था पलकें खोल रहा!
यहाँ संस्कृत थी, और संस्कृति भी,
वेद भी थे , और विवेक भी!
स्वस्थ समाज की रचना करती,
रचिंत यहीं, चरक संहिता थी !
गौरव पूर्ण इतिहास से सज्जित,
यह भारत की माटी है,
गाँधी सुभाष के बलिदानों से,
सवरी इसकी काँठी है!
पर भूल गए कुछ लोग यहाँ,
भारत की परिमल, इस गाथा को,
जले मणिपुर, लड़े हरियाणा,
बस लांघ रहे मर्यादा को!
यह भारत है जिसने, विश्व को,
सदा मानव प्रेम सिखाया है,
गंगा जमुनी तहजीब से हमने,
एक राष्ट्र प्रबल बनाया है!
आओ फिर गुंथे उन यादों को,
संवेदना की उन स्वाशों को ,
फिर, अब्दुल और अमर, मिलकर
सुलझाए विश्व की गांठों को!
जब चारो और लगे अन्धकार,
जीवन लाचार,
जैसे हर पल होता प्रहार!
कठिन पथ,
उस पर समय का बढ़ता भार
समझ लेना ,मंजिल है पास,
नया सूर्योदय होने को है,
इस पराकाष्ठा के पार!!
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मित्रता के अनेको रंग,
कोई
अतरंग, कुछ बदरंग!
एक मित्र ऐसा,
सुदामा
हो जैसा!
हो मैला कुचैला ,
पर प्रेम मैं पहला!!
एक मित्र ऐसा,
शकुनि
के जैसा!
बोल
मीठे मीठे,
तो काट पीठ पीछे!!
एक मित्र ऐसा,
कर्ण
हो जैसा!
तुमको
रखे पूरा,
खुद
रहके अधूरा!!
एक मित्र ऐसा,
बुद्धा
सा जैसा!
प्रेम
का मंथन,
आत्मा
की गुंजन!!
रंग
जैसा भी हो,
हाल
कैसा भी हो!
ढूंढ
लेना तुम मुझे,
मित्र
ऐसा ही हो!!
बचपन की बोली,
वह हसीं ठिठोली!
मित्रों के संग,
कुछ आँख मिचोली!!
कागज़ की नाव,
सपनो की डोली!
मटकाते रंग,
मासूम सी होली!!
चेहरे की दमक,
आँखों की चमक!
तोतली बातें,
वह दिल की सड़क!!
अल्हड़ खेल,
चहकते बोल!
तो फिर तभी,
सहमते ढोल!!
माथे पे मेरे,
बचपन की रोली!
रोली पोली,
बचपन की बोली!!