तेरे आंसू,मेरे आंसू
कुछ तो इनमे एका होगा!
जो यह बहते थे दिल से, तो
आखों ने उनको रोका होगा!
अब जीवन मैं नवोदय हो,
उमंग का परिचय हो
जो निराकार हो चुके थे स्वप्ना,
अब उनसे परिणय हो!
प्रश्नावली के आखिरी प्रश्न,
का मुझ पर अब उत्तर हो!
संवादों की भूल भुलैयाँ मैं,
स्पश्टता का स्वर हो !
सोते हुए समय मैं,
कुछ बेचैनी पैदा हो,
ख्वावों मैं हो हलचल
अब जल्दी सुबह हो !
खो गए थे जो परिंदे,
मंज़िल उन्हें पता हो,
हवा के रुख मैं, हो दिशा
बस आशा ही आशा हो !
In this era of AI, it's a job for us to remain updated, or else we are outdated.
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