तुम बुरा चाहो,
तौ क्या होगा?
मैं क्या हूँ,
वोह मेरा होगा!
बात में शंब्द न हो,
काट मैं खून न हो,
मैं क्या हूँ,
खून तौ मेरा hi होगा!
आत्मा मैं विश्वास न हो,
आइना आस-पास न हो,
मैं क्या हूँ,
वक्त मेरा ही होगा!
काश की तुम न हो,
पर हो तौ तुम ही हो,
मैं क्या हूँ,
में एक मेरा ही होगा!
.....अंकुर
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